ग़ालिब को मुख्यतः उनकी उर्दू ग़ज़लों को लिए याद किया जाता आज। जानिए मिरज़ा ग़ालिब के वो कोनसे 15 शेर…
बैठा है मेरे सामने वो जाने किसी सोच में पड़ा है अच्छी आँखें मिली हैं उस को वहशत…
वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है बहुत अज़ीज़ हमें है…
बैठा है मेरे सामने वो जाने किसी सोच में पड़ा है अच्छी आँखें मिली…
सहमा सहमा डरा सा रहता है, जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है.…
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