“शब्दों का संसार केवल काग़ज़ पर नहीं होता, वह दिलों में बसता है… और जब वो शब्द कविता, ग़ज़ल या शायरी बनकर बहते हैं, तो एक पूरी सभ्यता बोल उठती है।”
AdabManch.com की कल्पना मेरे मन में तब जन्मी जब मैंने महसूस किया कि आज के डिजिटल युग में हमारे साहित्य, ग़ज़लों और शायरी की वह गूंज कहीं धीमी पड़ती जा रही है। यह मंच एक ऐसा प्रयास है जहाँ परंपरा और तकनीक का मिलन हो — एक ऐसा स्थान जहाँ भारत की मिट्टी से जन्मे शब्द, सुर और भावनाएं फिर से जीवित हो सकें।
मेरा उद्देश्य केवल एक वेबसाइट बनाना नहीं था, बल्कि एक आदबी आंदोलन की शुरुआत करना था। मैं चाहती हूँ कि हर कवि, हर शायर, हर संगीतप्रेमी को एक ऐसा मंच मिले जहाँ वह खुद को खुलकर अभिव्यक्त कर सके, और साहित्य प्रेमियों तक अपनी कला पहुँचा सके।
AdabManch.com उन सभी के लिए है — जो शेरों में सुकून ढूंढते हैं, जो ग़ज़लों में जिंदगी के मायने पढ़ते हैं, और जो कविता में अपनी आत्मा की परछाईं देखते हैं। आपका साथ, आपकी भागीदारी और आपकी आवाज़ ही इस मंच की सबसे बड़ी प्रेरणा है। आइए, हम सब मिलकर अदब की इस लौ को जलाए रखें — ताकि हर दिल में फिर से शब्दों की रौशनी पहुंचे।
सौजन्य: विजय लक्ष्मी जादौन, संस्थापक – AdabManch.com