Rishte Bas Rishte Hote Hai –  Gulzar

Rishte Bas Rishte Hote Hai -  Gulzar

Gulzar
Gulzar
1 Min Read
Review Overview

रिश्ते बस रिश्ते होते हैं

कुछ इक पल के

कुछ दो पल के

कुछ परों से हल्के होते हैं

बरसों के तले चलते-चलते

भारी-भरकम हो जाते हैं

कुछ भारी-भरकम बर्फ़ के-से

बरसों के तले गलते-गलते

हलके-फुलके हो जाते हैं

नाम होते हैं रिश्तों के

कुछ रिश्ते नाम के होते हैं

रिश्ता वह अगर मर जाये भी

बस नाम से जीना होता है

बस नाम से जीना होता है

रिश्ते बस रिश्ते होते हैं

रिश्ते बस रिश्ते होते हैं – गुलज़ार

Review Overview

Recent

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *